अतिवृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान, उत्तराखंड सरकार करेगी मुआवजा वितरण

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने की समीक्षा बैठक, जल्द शुरू होगी राहत प्रक्रिया देहरादून, 05 सितम्बर। उत्तराखंड में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। राज्य के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कैंप कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर फसलों के नुकसान की समीक्षा की और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। फसलों के नुकसान का नियमित सर्वेक्षण कृषि मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसलों के नुकसान का नियमित सर्वेक्षण कर प्रतिदिन रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मानकों के अनुसार शीघ्र कागजी कार्यवाही पूरी की जाए ताकि किसानों को समय पर मुआवजा उपलब्ध हो सके। 12 हजार हेक्टेयर से अधिक औद्यानिक फसलें प्रभावित अधिकारियों ने बैठक में जानकारी दी कि अतिवृष्टि से प्रदेश में 12,272.74 हेक्टेयर औद्यानिक फसलें प्रभावित हुई हैं। इनमें से 4,797.49 हेक्टेयर क्षेत्रफल 33 प्रतिशत से अधिक क्षति श्रेणी में दर्ज हुआ है। उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी विकासखंड के धराली ग्रामसभा में 6.10 हेक्टेयर क्षेत्रफल की औद्यानिक फसलें नष्ट हुईं। 339 हेक्टेयर कृषि फसलें बर्बाद प्रदेश में 339.47 हेक्टेयर कृषि फसलें भी अतिवृष्टि से प्रभावित हुई हैं। इनमें से 45 हेक्टेयर क्षेत्रफल 33 प्रतिशत से अधिक क्षति श्रेणी में आता है। तराई क्षेत्र के हरिद्वार और उधमसिंह नगर (खटीमा) में जलभराव के कारण नुकसान का आंकलन अधूरा है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जल्द ही मुआवजा वितरण शुरू किया जाएगा। बैठक में मौजूद अधिकारी समीक्षा बैठक में संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार और निदेशक बागवानी मिशन महेंद्र पाल उपस्थित रहे।
समाज के लिए प्रेरणाश्रोत बन रही महिलाएं : रेखा आर्या

मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री ने वितरित किए तीलू रौतेली एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार देहरादून, 4 सितंबर। गुरुवार को आईआरडीटी सभागार में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने तीलू रौतेली पुरस्कार और आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार वितरित किए। 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार प्रदेश भर से कुल 13 महिलाओं का चयन तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए किया गया। वहीं, 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार प्रदान किया गया। महिलाओं को 30% आरक्षण और समान नागरिक संहिता से सशक्तिकरण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30% आरक्षण देकर बड़ा कदम उठाया है। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करके महिलाओं को बराबरी का अधिकार सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में महिलाओं का योगदान सबसे अहम रहेगा। तीलू रौतेली की गाथा आज भी प्रेरणादायक महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि सन 1661 के दौर में वीरांगना तीलू रौतेली ने जो साहस और नेतृत्व दिखाया, वह आज भी समाज के लिए प्रेरणा है। रेखा आर्या ने बताया कि तीलू रौतेली पुरस्कार की धनराशि को 11 हजार से बढ़ाकर अब 51 हजार रुपए कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का बढ़ा मानदेय रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाकर उनके परिश्रम का सम्मान किया है। महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की योजनाएं कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इनसे प्रदेश की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना और खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना में भी यह सुनिश्चित किया गया है कि बालिका खिलाड़ियों को बराबर सहायता राशि मिले। समारोह में कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहे उपस्थित इस अवसर पर राजपुर विधायक खजान दास, विभागीय सचिव चंद्रेश कुमार, निदेशक बंसीलाल राणा सहित कई अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
रेशम कीट बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बना उत्तराखण्ड : कृषि मंत्री गणेश जोशी

देहरादून, 04 सितंबर। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य में रेशम कीट बीज उत्पादन कार्यों को गति देते हुए विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उत्पादन से नौ हजार कृषक परिवार लाभान्वित गत वर्ष में विभाग द्वारा 312 मीट्रिक टन शहतूत कोया, 55,352 ओकटसर कोया तथा 10 हजार किग्रा एरी रेशम कोये का उत्पादन किया गया। इससे लगभग 9 हजार कृषक परिवार लाभान्वित हुए। अब तक केन्द्र पर निर्भर, अब आत्मनिर्भर राज्य निर्माण से अब तक रेशम विभाग कीटबीज उत्पादन के लिए केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार पर निर्भर था। इस पर भारी धनराशि खर्च करनी पड़ती थी। लेकिन वर्तमान में विभाग ने बसंत फसल में ही 7 लाख डीएफएल्स का उत्पादन कर आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। अब उत्तराखण्ड अन्य राज्यों को भी कीटबीज की आपूर्ति करने में सक्षम है। रेशम क्लस्टर स्थापित करने को मिली मंजूरी विभागीय मंत्री के निर्देशों पर 13.91 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केन्द्रीय रेशम बोर्ड को भेजा गया था। इसके अंतर्गत शहतूत एवं वन्या रेशम क्लस्टरों की स्थापना हेतु मंजूरी मिल चुकी है। एक शहतूती और एक वन्या क्लस्टर के लिए 3 करोड़ रुपये का आवंटन मिल चुका है, जबकि शेष 4 क्लस्टरों के लिए जल्द धनराशि उपलब्ध होगी। इन क्लस्टरों से प्रदेश के 450 परिवारों को रोजगार मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी। महिला लाभार्थियों को मिला प्रशिक्षण ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के अंतर्गत गत वर्ष 13 जनपदों में 300 महिला लाभार्थियों का चयन कर 90 हजार शहतूती पौधों का रोपण किया गया। इन्हें ककून क्राप्ट एवं रेशम धागाकरण का प्रशिक्षण देकर रेशम उत्पादन से जोड़ा जा रहा है। यमकेश्वर में 300 एकड़ भूमि पर वृक्षारोपण जनपद पौड़ी के यमकेश्वर विकास खंड में देवभूमि रेशम किसान संगठन द्वारा 300 एकड़ भूमि पर शहतूत वृक्षारोपण किया गया है। यहां 600 किसान रेशम कीटपालन से जुड़े हैं। भविष्य में इस क्षेत्र में रेशम धागाकरण एवं वस्त्रोपादन कार्य भी प्रस्तावित है, जिससे बड़े पैमाने पर स्थानीय रोजगार मिलेगा। रेशमी साड़ियों का उत्पादन शुरू उत्तराखण्ड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के अंतर्गत ग्रोथ सेंटर सेलाकुई में तीन पावरलूम स्थापित कर प्रदेश में रेशमी साड़ियों का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2024-25 में 45 हजार मीटर वस्त्र का उत्पादन किया गया। देहरादून में बनेगा ‘रेशम घर’ आगामी वर्ष 2025-26 में देहरादून में सिल्क मार्क ऑफ इंडिया के सहयोग से ‘रेशम घर’ की स्थापना प्रस्तावित है। साथ ही सितम्बर माह में देहरादून में सिल्क एक्सपो का आयोजन भी किया जाएगा।
रोजगार के नए अवसर खोलेगी महक क्रांति नीति : कृषि मंत्री

देहरादून, 3 सितम्बर। प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और रोजगार सृजन के लिए नई राह खोल रही है। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि महक क्रांति नीति प्रदेश के लिए गेमचेंजर साबित होगी। इस नीति के तहत औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। ✦ बड़े लक्ष्य वर्ष 2025 से 2047 तक की कार्ययोजना तैयार प्रथम चरण में 22,750 हेक्टेयर भूमि पर खेती लगभग 1,050 करोड़ रुपये का टर्नओवर 91 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित ✦ विकसित होंगी विशेष वैली महक क्रांति नीति के तहत राज्य के अलग-अलग जनपदों में औषधीय एवं सुगंधित पौधों की विशेष वैली विकसित की जाएंगी: * डैमस्क रोज़ वैली – चमोली एवं अल्मोड़ा (2000 हेक्टेयर) * सिनॉमन वैली – चंपावत एवं नैनीताल (5200 हेक्टेयर) * तिमूर वैली – पिथौरागढ़ (5150 हेक्टेयर) * लेमनग्रास वैली – हरिद्वार एवं पौड़ी (2400 हेक्टेयर) * मिंट वैली – ऊधमसिंह नगर एवं हरिद्वार (8000 हेक्टेयर) ✦ किसानों को मिलेगा फायदा कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा— “यह योजना किसानों के लिए नई राह खोलेगी। सुगंधित खेती को बढ़ावा मिलने के साथ ही किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। “उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना का ड्राफ्ट शीघ्र ही मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। ✦ बैठक में मौजूद रहे समीक्षा बैठक में सगंध पौध केंद्र के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान भी उपस्थित रहे।
तीलू रौतेली पुरस्कार 2025 : 13 महिलाओं का चयन, 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां भी होंगी सम्मानित

देहरादून, 2 सितंबर। उत्तराखंड के प्रतिष्ठित तीलू रौतेली पुरस्कार 2025 के लिए इस बार 13 महिलाओं का चयन किया गया है। यह सम्मान 4 सितंबर को आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा। 13 महिलाओं को मिलेगा तीलू रौतेली सम्मान महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने जानकारी दी कि प्रदेशभर से 13 महिलाएं इस पुरस्कार के लिए चुनी गई हैं। यह पुरस्कार उन महिलाओं को दिया जाता है, जिन्होंने समाज में अपने कार्यों से अलग पहचान बनाई है। 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी राज्य स्तरीय पुरस्कार इस अवसर पर प्रदेश की 33 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया जाएगा। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपनी सामर्थ्य से अधिक काम कर रही हैं और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नए आयाम गढ़ रही हैं। 4 सितंबर को आईआरडीटी सभागार में होगा आयोजन यह पुरस्कार वितरण समारोह आईआरडीटी सभागार, देहरादून में 4 सितंबर को आयोजित होगा। कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण और आंगनबाड़ी कार्यों पर विशेष जोर रहेगा। “महिलाओं को सशक्त करना सरकार की जिम्मेदारी” कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी बहनों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है और उन्हें इसका पूरा श्रेय मिलना चाहिए।
उत्तराखंड में रेड अलर्ट: अगले 24 घंटे भारी बारिश

देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ने वाला है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट 31 अगस्त दोपहर 12:51 से लेकर 1 सितंबर दोपहर 12:51 बजे तक के लिए है। जिन जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है, वे हैं…..चंपावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी और ऊधमसिंह नगर। किन इलाकों पर मंडरा रहा है सबसे ज्यादा खतरा? मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में जिन शहरों और कस्बों में भारी से बहुत भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने की पूरी आशंका है, उनमें शामिल हैं: रुद्रपुर, हल्द्वानी, काशीपुर, कोटद्वार, मसूरी, खटीमा, श्रीनगर, चकराता, रुड़की, लक्सर, भगवानपुर, विकासनगर, देवप्रयाग सहित आसपास के कई क्षेत्र। प्रशासन और जनता के लिए ज़रूरी अलर्ट: आपात स्थिति में इन नंबरों पर तुरंत संपर्क करें: अपील: जागरूक रहें, सतर्क रहें और किसी अफवाह पर ध्यान न दें।प्राकृतिक आपदा के समय संयम और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। उत्तराखंड रेड अलर्ट से जुड़े महत्वपूर्ण FAQs ❓1. रेड अलर्ट क्या होता है? उत्तर:रेड अलर्ट मौसम विभाग की सबसे गंभीर चेतावनी होती है, जिसमें जानमाल की हानि की संभावना रहती है। यह तब जारी किया जाता है जब बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश, तेज तूफान या बिजली गिरने की आशंका होती है। ❓2. किन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है? उत्तर:रेड अलर्ट इन जिलों के लिए जारी हुआ है: ❓3. सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले इलाके कौन से हो सकते हैं? उत्तर:इन शहरों और आसपास के इलाकों में भारी असर पड़ सकता है:रुद्रपुर, हल्द्वानी, काशीपुर, कोटद्वार, मसूरी, खटीमा, श्रीनगर, चकराता, रुड़की, लक्सर, भगवानपुर, विकासनगर, देवप्रयाग। ❓4. रेड अलर्ट के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? उत्तर: ❓5. आपदा या इमरजेंसी में किस नंबर पर संपर्क करें? उत्तर: ❓6. क्या स्कूल-कॉलेज बंद होंगे? उत्तर:अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। लेकिन हालात गंभीर होने पर जिला प्रशासन निर्णय ले सकता है। कृपया स्थानीय प्रशासन की सूचना पर ध्यान दें। ❓7. क्या चारधाम यात्रा पर असर पड़ेगा? उत्तर:संभावना है, क्योंकि भारी बारिश और भूस्खलन से रास्ते अवरुद्ध हो सकते हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि प्रस्थान से पहले संबंधित जिले के मौसम और मार्ग अपडेट जरूर चेक करें। देश अपडेट न्यूज
रुद्रप्रयाग व चमोली में बादल फटने से हाहाकार, सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए राहत-बचाव के सख्त निर्देश!

देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचाई है। जनपद रुद्रप्रयाग की तहसील बसुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ डुंगर तोक और चमोली जनपद के देवाल क्षेत्र में बादल फटने से भारी मलबा आने की खबर है। इस आपदा में कई परिवार प्रभावित हुए हैं और कुछ लोग मलबे में फंसे होने की सूचना मिली है। घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुःख व्यक्त किया और प्रशासन को युद्धस्तर पर राहत-बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए। सीएम धामी का बयान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मैं निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं। आपदा सचिव और दोनों जिलाधिकारियों से बात कर बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। बाबा केदार से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।” मौके पर राहत-बचाव अभियान प्रभावित क्षेत्रों में SDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं। फंसे परिवारों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मलबे के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
किसानों की समस्याओं के समाधान पर कृषि मंत्री ने दिया जोर

सेब कार्टन, फल भंडारण केंद्र, पॉलीहाउस और रोपवे निर्माण को लेकर दिए सख्त निर्देश देहरादून, 27 अगस्त। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में मंत्री ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी हासिल की और अधिकारियों को किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप समय पर सेब के कार्टन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने उत्तरकाशी के धराली और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी फल भंडारण केंद्र शीघ्र बनाने के आदेश दिए। साथ ही, आराकोट में कोल्ड स्टोरेज और नौगांव में मंडी निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। किसानों और युवाओं को रोजगार से जोड़ने पर जोर कृषि मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के 95 ब्लॉकों में किसानों, स्वयं सहायता समूहों और पूर्व सैनिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने वाइब्रेंट योजना के तहत सीमांत गांवों में अखरोट उत्पादन की संभावनाओं को तलाशने और इसमें पूर्व सैनिकों को शामिल करने पर बल दिया। मंत्री ने प्रदेश के राजकीय गार्डनों में अखरोट की नर्सरी विकसित करने के भी निर्देश दिए। किसानों को सस्ती दरों पर उपकरण उपलब्ध होंगे बैठक में कृषि मंत्री ने अधिक से अधिक फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने पर जोर दिया, ताकि किसानों को खेती के उपकरण सस्ती दरों पर मिल सकें। उन्होंने सेब की अति सघन बागवानी को बढ़ावा देने के साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में किसानों की उपज को सड़क मार्ग तक पहुंचाने के लिए रोपवे निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के आदेश भी दिए। पॉलीहाउस निर्माण की धीमी प्रगति पर नाराज़ पॉलीहाउस निर्माण की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारी जनपद स्तरीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें और लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। वरिष्ठ अधिकारी बैठक में रहे शामिल बैठक में कृषि सचिव डॉ. एस.एन. पांडेय, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, कृषि निदेशक परमाराम, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, संयुक्त निदेशक सुरेशराम, बागवानी मिशन के निदेशक महेंद्र पाल, जैविक बोर्ड के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में आगामी माह में प्रस्तावित विभागीय कार्यक्रमों की तैयारियों पर भी चर्चा की गई।
देहरादून में मेट्रो नहीं, अब चलेंगी बाई-आर्टिकुलेटेड इलेक्ट्रिक बसें…जानिए कैसे बदलेगा राजधानी का ट्रांसपोर्ट सिस्टम!

Bi-articulated Electric Buses: देहरादून के ट्रांजिट सिस्टम में नया बदलाव उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अब मेट्रो या रोपवे की जगह Bi-articulated Electric Buses चलाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UKMRC) ने स्विस कंपनी HESS के साथ समझौता कर लिया है, जो इस तकनीक की विशेषज्ञ है। क्या हैं Bi-articulated Electric Buses? Bi-articulated Electric Buses दो जुड़े हुए डिब्बों वाली इलेक्ट्रिक बसें होती हैं, जो बैटरी से चलती हैं और तेजी से चार्ज हो जाती हैं (फ्लैश चार्जिंग टेक्नोलॉजी)। इनकी गति 30–40 किमी/घंटा होती है और ये पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं। क्यों लिया गया ये फैसला? UKMRC ने पहले मेट्रो लाइट (2019), रोपवे (2020) और नियो मेट्रो (2022) के लिए DPR तैयार की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने 2025 में नियो मेट्रो के प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया कि यातायात को ई-बसों और BRTS से बेहतर ढंग से संभाला जा सकता है। इसके बाद स्विस कंपनी HESS ने UKMRC को Bi-articulated Electric Buses का प्रस्ताव दिया, जो कि कई यूरोपीय देशों और ऑस्ट्रेलिया में पहले से चल रही हैं। प्रस्तावित रूट और कवरेज फेज 1 – मुख्य कॉरिडोर 🔹 42 वार्ड कवर होंगे🔹 40% आबादी सीधे लाभान्वित🔹 विक्रम, मैजिक आदि को जोड़कर 75% तक सेवाएं फेज 2 – विस्तार कॉरिडोर लागत तुलना (प्रति किमी) सिस्टम लागत अनुमान (₹ करोड़/किमी) मेट्रो लाइट 91 – 110 रोपवे 103 – 126 मेट्रो नियो 40 – 50 Bi-articulated Electric Buses ~50 – 60* सटीक लागत DPR रिपोर्ट के बाद तय होगी, लेकिन संचालन खर्च मेट्रो और नियो मेट्रो से कम होगा। अंतरराष्ट्रीय अनुभव FAQ – Bi-articulated Electric Buses Q1. Bi-articulated Electric Buses क्या होती हैं? यह दो जुड़े हुए कोच वाली इलेक्ट्रिक बसें होती हैं, जो फ्लैश चार्जिंग से तेज़ी से चार्ज होती हैं और ज्यादा यात्रियों को ढोने की क्षमता रखती हैं। Q2. क्या ये मेट्रो से सस्ती होंगी? हां, अनुमानतः प्रति किलोमीटर लागत मेट्रो से कम और संचालन खर्च भी कम रहेगा। लेकिन यह रोपवे से थोड़ी महंगी हो सकती है। Q3. इसका लाभ देहरादून को कैसे मिलेगा? ये सिस्टम शहर के 75% तक आबादी को जोड़ सकता है, जिससे भीड़ कम होगी, प्रदूषण घटेगा और ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर होगा। Q4. कब से शुरू हो सकती है योजना? शासन से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव केंद्र को जाएगा। 2026 तक योजना का कार्यान्वयन शुरू हो सकता है। 🔚 निष्कर्ष Bi-articulated Electric Buses देहरादून के लिए एक आधुनिक, किफायती और पर्यावरण-हितैषी विकल्प बनकर सामने आई हैं। यदि शासन और केंद्र से मंजूरी मिलती है, तो यह पहल राजधानी के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में क्रांति ला सकती है। देश अपडेट न्यूज़
विधवा माँ पर बेटों का क्रूर अत्याचार डीएम सविन बंसल ने तुरंत की कार्रवाई, जानिए पूरा मामला!

Vidhwa Mahila Utpeedan Dehradun: Gunda Act Ke Tahat Tez Karyavahi देहरादून: देहरादून जिले में Vidhwa mahila utpeedan Dehradun के मामले में जिलाधिकारी सविन बंसल ने तेजी से गुंडा अधिनियम 1970 के तहत कार्रवाई शुरू की है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासन घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न के खिलाफ गंभीर है। Vidhwa Mahila Utpeedan Dehradun Ka Vivaran विधवा महिला विजय लक्ष्मी पंवार, निवासी भागीरथपुरम, बंजारावाला ने अपनी सुरक्षा के लिए Vidhwa mahila utpeedan Dehradun के तहत जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत की। उन्होंने बताया कि उनके दोनों पुत्र नशे के आदी हैं और वे लगातार उन्हें मारते-पीटते हैं, जान से मारने की धमकी देते हैं और पैसे की मांग करते हैं। महिला ने बताया कि बेटे अक्सर अफीम, गांजा और शराब के नशे में रहते हैं। Jila Adhikari Ki Karyavahi जिलाधिकारी ने विधवा महिला (Vidhwa mahila utpeedan Dehradun) की शिकायत पर गोपनीय जांच कराई, जिसमें स्थानीय लोगों और पड़ोसियों ने भी उत्पीड़न की पुष्टि की। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने दोनों बेटों को नोटिस जारी कर गुंडा अधिनियम के तहत तेज कार्रवाई शुरू की। बेटों को 26 अगस्त 2025 को न्यायालय में पेश होने के लिए कहा गया है। Gunda Act Aur Uska Mahatva गुंडा अधिनियम 1970 का उद्देश्य उन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो समाज में आतंक फैलाते हैं। यह अधिनियम प्रशासन को विशेष शक्तियां देता है ताकि ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई हो सके। Vidhwa mahila utpeedan Dehradun जैसे मामलों में यह अधिनियम पीड़ित की सुरक्षा के लिए अहम साबित होता है। Samajik Aur Kanooni Prabhav (Vidhwa mahila utpeedan Dehradun) जिला प्कीरसाशन की इस त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि प्रशासन घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न के मामलों में कोई समझौता नहीं करता। इस प्रकार की कड़ी कार्रवाई पीड़ितों को न्याय दिलाने और समाज में शांति बनाए रखने में मदद करती है। Frequently Asked Questions (FAQs) Q1: Vidhwa mahila utpeedan Dehradun में क्या कदम उठाए जाते हैं?A: शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी या पुलिस प्रशासन त्वरित जांच कर गुंडा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करते हैं। Q2: विधवा महिला उत्पीड़न की शिकायत कहां दर्ज कर सकती है?A: महिला जिला प्रशासन कार्यालय या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवा सकती है। Q3: गुंडा एक्ट के तहत सुनवाई कितनी तेज होती है?A: गुंडा एक्ट के मामलों में फास्ट ट्रैक सुनवाई कर शीघ्र न्याय सुनिश्चित किया जाता है। Q4: अगर बेटा न्यायालय में पेश नहीं होता तो क्या होगा?A: निर्दिष्ट समय में उत्तर न देने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है। देश अपडेट न्यूज़