वन विभाग की सक्रियता से कम हुआ भालू का आतंक, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस


गढ़वाल वन प्रभाग के पैठाणी रेंज में गश्त, ड्रोन निगरानी और मुआवजा वितरण जारी

पौड़ी गढ़वाल, 25 अक्टूबर 2025 :
गढ़वाल वन प्रभाग के पैठाणी रेंज अंतर्गत ग्राम कुण्डिल, कुचोली, सौंठ, कठ्यूड़ और रिखोली में पिछले दो माह से भालू के हमलों से दहशत का माहौल था। लेकिन वन विभाग की सतत और त्वरित कार्रवाई से अब स्थिति में सुधार आया है और हाल के दिनों में भालू की गतिविधियों में कमी दर्ज की गई है। ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।


दो माह में 26 घटनाएं, 30 मवेशियों की क्षति

उप वन संरक्षक गढ़वाल वन प्रभाग अभिमन्यु सिंह ने जानकारी दी कि 6 अगस्त से 12 अक्टूबर 2025 तक भालू के हमलों की कुल 26 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 30 मवेशियों की मौत हुई।
पहली घटना के बाद ही वन विभाग ने 5 सदस्यीय टीम को गश्त और निगरानी के लिए प्रभावित क्षेत्रों में भेजा। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इस टीम को 10 सदस्यों तक बढ़ाया गया।

वन कर्मी रात के समय गौशालाओं के आसपास धुआं, मशाल और शोरगुल का उपयोग कर भालू को भगाने के प्रयास कर रहे हैं।


ड्रोन निगरानी और पिंजरे लगाने से बढ़ी सुरक्षा

अभिमन्यु सिंह ने बताया कि भालू को पकड़ने के लिए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखंड से अनुमति लेकर प्रभावित गांवों में पिंजरे लगाए गए हैं।
इसके साथ ही ट्रैंक्विलाइजिंग टीम को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है।
हमलों की निरंतरता को देखते हुए 4 सितंबर 2025 को शूटिंग अनुमति भी जारी की गई, जिसके बाद क्षेत्र में ट्रैंक्विलाइजिंग, शूटिंग, पिंजरा पकड़ने और मॉनिटरिंग की 5 टीमें तैनात की गईं।

ग्राम कुचोली, कुण्डिल, सौंठ और रिखौली में ड्रोन और कैमरा ट्रैप से भालू की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है।


प्रभावित परिवारों को 5.28 लाख रुपये की सहायता

वन विभाग ने त्वरित राहत के रूप में 13 प्रभावित परिवारों को कुल ₹5,28,500 की क्षतिपूर्ति राशि 8 सितंबर 2025 को वितरित की।
उच्च अधिकारियों ने स्वयं प्रभावित गांवों का दौरा किया, ग्रामीणों से संवाद किया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।


भालू से बचाव के लिए ग्रामीणों को दिए जा रहे प्रशिक्षण

वन कर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं और ग्रामीणों को भालू से आत्मरक्षा और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जा रही है।
गांवों में पटाखे जलाने, मशालें जलाने, अलाव और मिर्च के धुएं का उपयोग करने जैसे उपाय अपनाए जा रहे हैं ताकि भालू गांवों के पास न आएं।


भविष्य में ऐसे संघर्ष रोकने को उठाए जाएंगे ठोस कदम

वन विभाग ने भविष्य के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिनमें —

  • गौशालाओं का सुदृढ़ीकरण
  • गांव-वन सीमा पर फेंसिंग और टी-बार लगाना
  • रात में प्रकाश व्यवस्था सुधारना

इन उपायों से भविष्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी।