झालावाड़ के सरकारी स्कूल में दर्दनाक हादसा: छत गिरने से 8 बच्चों की मौत, कई घायल

सरकारी स्कूल की जर्जर छत बनी मौत का कारण, झालावाड़ में दर्दनाक हादसा झालावाड़ (राजस्थान), 25 जुलाई। राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। मनोहर थाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत अचानक ढह गई, जिससे कक्षा में पढ़ाई कर रहे दर्जनों बच्चे मलबे में दब गए। अब तक 7 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 17 से अधिक बच्चे घायल बताए जा रहे हैं। कई की हालत गंभीर है, जिन्हें झालावाड़ के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हादसा एक बार फिर सरकारी स्कूल की जर्जर इमारतों की हकीकत को सामने लाता है। हादसे के वक्त स्कूल में करीब 60 छात्र-छात्राएं मौजूद थे। मौके पर पहुंचे राहत व बचाव दल ने अब तक मलबे से 32 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला है। रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारी और चिकित्सा टीम मौजूद हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सरकारी स्कूल वर्षों से मरम्मत का इंतजार कर रहा था ग्रामीणों और स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि स्कूल की इमारत बेहद जर्जर अवस्था में थी और लंबे समय से इसकी मरम्मत नहीं करवाई गई थी। कई बार शिकायत के बावजूद विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया। आज वही लापरवाही मासूम बच्चों पर भारी पड़ गई। शिक्षा मंत्री ने जताया दुख, सख्त कार्रवाई का भरोसा घटना पर राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने जिला कलेक्टर से रिपोर्ट तलब की है और राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। राजस्थान में तीसरी बड़ी लापरवाही झालावाड़ की यह घटना राज्य में इस साल स्कूलों में लापरवाही की तीसरी बड़ी मिसाल है। फरवरी में बीकानेर में पानी की टंकी की छत गिरने से तीन बच्चों की मौत हुई थी, जबकि बाड़मेर के चोहटन में स्कूल की दीवार ढहने से एक छात्र की जान गई थी। करौली में भी हाल ही में स्कूल भवन से पानी टपकने की तस्वीरें वायरल हुई थीं। सरकारी स्कूलों की सुरक्षा कब प्राथमिकता बनेगी? कब तक मासूम बच्चे जान गंवाते रहेंगे?” लगातार हो रही इन घटनाओं ने सरकारी स्कूलों की दुर्दशा को उजागर कर दिया है। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक मासूम बच्चों की जान लापरवाही की भेंट चढ़ती रहेगी? क्या अब भी जर्जर भवनों की मरम्मत और निरीक्षण को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी? FAQ: झालावाड़ सरकारी स्कूल हादसा – क्या, क्यों और अब क्या? ✅ हादसा कब और कहां हुआ? राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह सरकारी स्कूल की छत गिर गई, जिसमें कई बच्चे मलबे में दब गए। ✅ कितने बच्चों की मौत हुई और कितने घायल हुए? अब तक 8 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 27 से ज्यादा बच्चे घायल बताए जा रहे हैं। 8 बच्चों की हालत गंभीर है। ✅ हादसे की वजह क्या बताई जा रही है? स्थानीय लोगों के मुताबिक यह सरकारी स्कूल लंबे समय से जर्जर था। कई बार शिकायत के बावजूद मरम्मत नहीं कराई गई, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ। ✅ प्रशासन और सरकार ने क्या कदम उठाए? घटना के बाद शिक्षा मंत्री ने शोक व्यक्त किया और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का भरोसा भी दिया गया है। ✅ क्या राजस्थान में सरकारी स्कूलों में ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं? हाँ, इसी साल बीकानेर और बाड़मेर में भी सरकारी स्कूल की इमारतों से जुड़ी घटनाओं में बच्चों की मौत हो चुकी है। ✅ आगे क्या सुधार किए जाएंगे? सरकार ने जर्जर सरकारी स्कूल भवनों की मरम्मत और नियमित जांच पर जोर देने की बात कही है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें। यह भी पढ़े…..