कबड्डी स्टार का हरिद्वार में बड़ा हादसा! फिर खुद सुनाई सच्ची कहानी

Deepak Hooda Haridwar incident

📰 H1: Deepak Hooda Haridwar incident: गंगा में बहने से बचे कबड्डी स्टार, जानें पूरी सच्चाई H2: गंगा में बड़ा हादसा! Deepak Hooda Haridwar incident में कैसे बची जान? हरिद्वार की पवित्र गंगा में बुधवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान और अर्जुन अवॉर्डी दीपक हुड्डा गंगा के तेज बहाव में बहने लगे। गनीमत रही कि वहां तैनात उत्तराखंड पुलिस की 40वीं वाहिनी पीएसी की आपदा राहत टीम ने तुरंत रेस्क्यू कर लिया और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया। H2: कब, कहां और कैसे हुआ Deepak Hooda Haridwar incident? बुधवार दोपहर करीब तीन बजे दीपक हुड्डा कांवड़ लेने हरिद्वार पहुंचे थे। हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के दौरान अचानक उनका संतुलन बिगड़ा और वह तेज बहाव में बहने लगे। घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने शोर मचाया। तभी पीएसी की टीम बोट लेकर तुरंत पहुंची और कुछ ही मिनट में दीपक को बचा लिया। H3: पहले इनकार, फिर कबूला– क्या बोले दीपक हुड्डा? घटना के बाद उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर बताया कि दीपक हुड्डा ने उन्हें धन्यवाद कहा। शुरू में खुद दीपक हुड्डा ने इसे खारिज किया, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद मीडिया के सामने मान लिया कि वह गंगा में बहने लगे थे और पुलिस की मदद से बच पाए। H3: फैंस ने ली राहत की सांस अगर कुछ पल की देरी हो जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। सोशल मीडिया पर उत्तराखंड पुलिस की मुस्तैदी की खूब तारीफ हो रही है। दीपक हुड्डा के फैंस भी खुश हैं कि उनके चहेते खिलाड़ी सुरक्षित हैं और कोई गंभीर चोट नहीं आई। ✅ FQA: Deepak Hooda Haridwar incident Q1: Deepak Hooda Haridwar incident में क्या हुआ?A: गंगा स्नान करते समय दीपक हुड्डा का संतुलन बिगड़ा, वह बहने लगे, लेकिन उत्तराखंड पुलिस की टीम ने रेस्क्यू कर लिया। Q2: क्या दीपक हुड्डा ने शुरुआत में हादसे से इनकार किया?A: हां, शुरुआत में दीपक ने हादसे को खारिज किया, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि वह गंगा में बहने लगे थे। Q3: इस घटना में दीपक हुड्डा को चोट लगी?A: नहीं, समय पर रेस्क्यू होने से दीपक हुड्डा को कोई गंभीर चोट नहीं आई और वह सुरक्षित हैं। यह भी पढ़े….

चमोली में हादसा: छुट्टी पर लौटे जवान की खाई में गिरकर मौत

Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut

Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut: छुट्टी पर लौटा सैनिक, खाई में गिरने से दर्दनाक मौत चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। देवाल विकासखंड के चौड़ गांव में छुट्टी पर घर लौटे सैनिक वीरेंद्र सिंह (35 वर्ष) की खाई में गिरने से मौत हो गई। वीरेंद्र सिंह लैंसडाउन में तैनात थे और मंगलवार को ही छुट्टी लेकर अपने गांव लौटे थे। ⚡ Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut – हादसा कैसे हुआ? बताया जा रहा है कि बुधवार देर शाम वीरेंद्र सिंह पास के एक अन्य गांव से अपने गांव वापस आ रहे थे। इसी दौरान पांव फिसलने से वे करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरे। हादसे की खबर मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे और अंधेरे में मशक्कत कर वीरेंद्र को खाई से निकाला। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही वीरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया। वीरेंद्र चौड़ गांव निवासी एवं पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख हरेंद्र सिंह कोटडी के छोटे भाई थे। 😢 गांव में पसरा मातम, परिवार का बुरा हाल – Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut वीरेंद्र सिंह की असमय मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण भी इस घटना से स्तब्ध हैं और वीरेंद्र को याद कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है और वीरेंद्र सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए कर्णप्रयाग अस्पताल भेजा जा रहा है। ❓ FAQ – Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut 👉 सवाल: सैनिक की मौत कहां हुई? उत्तर: यह हादसा उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल विकासखंड के चौड़ गांव में हुआ, जहां छुट्टी पर आए सैनिक वीरेंद्र सिंह खाई में गिर गए। 👉 सवाल: सैनिक कब छुट्टी पर घर लौटे थे? उत्तर: वीरेंद्र सिंह मंगलवार को ही छुट्टी लेकर अपने गांव लौटे थे और बुधवार शाम को हादसे का शिकार हो गए। 👉 सवाल: Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut का हादसा कैसे हुआ? उत्तर: वीरेंद्र सिंह दूसरे गांव से लौटते समय रास्ते में पांव फिसलने से करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। 👉 सवाल: वीरेंद्र सिंह कहां तैनात थे? उत्तर: वीरेंद्र सिंह वर्तमान में उत्तराखंड के लैंसडाउन में तैनात थे। 👉 सवाल: हादसे के बाद क्या कार्रवाई हुई? उत्तर: ग्रामीणों ने रात में वीरेंद्र सिंह को खाई से निकाला, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। पुलिस और अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए कर्णप्रयाग अस्पताल भेजा गया है। यह भी पढ़े….. और अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक करें और भारत सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अपडेट पढ़ें।

प्यार की आड़ में कत्ल! आखिर देवर को रास्ते से हटाकर क्या पाना चाहती थी भाभी ?

Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya

Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya: भाभी ने प्रेमी संग रची साजिश, देवर की हत्या से हिली हरिद्वार Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya: जमीन और इश्क के लिए देवर को उतारा मौत के घाट हरिद्वार: सिडकुल थाना क्षेत्र के डालूवाला-मजबता गांव में 26 वर्षीय युवक की सनसनीखेज हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस के मुताबिक, इस हत्या के पीछे देवर की भाभी का अपने प्रेमी के साथ मिलकर रचा गया खौफनाक प्लान था। भाभी सोनिया ने अपने प्रेमी छोटा और उसके दोस्त अकबर के साथ मिलकर देवर नीटू को मौत के घाट उतार दिया। नीटू का भाई राकेश हैदराबाद से लौटा और 20 जुलाई को हत्या की FIR दर्ज कराई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल की जांच के बाद छोटा, अकबर और सोनिया को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सोनिया के पति के हैदराबाद चले जाने के बाद सोनिया अपने देवर की जमीन और घर पर कब्जा करना चाहती थी। इसके लिए उसने प्रेमी छोटा से देवर को रास्ते से हटाने की साजिश रची। 📌 रात में जंगल में बुलाकर की गई Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya हरिद्वार पुलिस के मुताबिक, 17 जुलाई की रात छोटा ने गांव के जावेद के फोन से नीटू को कॉल किया और मिलने के लिए बुलाया। फिर नीटू को मोपेड पर डालूवाला मजबता ले गया। रास्ते में जंगल के पास छोटा ने मोपेड रोकी और अकबर को इशारा किया। अकबर ने चापड़ से नीटू के सिर पर वार किया और फिर छोटा ने भी कई वार कर नीटू को मौत के घाट उतार दिया। शव को झाड़ियों में फेंककर दोनों फरार हो गए। 💔 इश्क का अंजाम: देवर की हत्या, उजड़ा परिवार पुलिस पूछताछ में छोटा ने बताया कि उसकी सोनिया से दो साल पहले गांव में फेरी लगाते समय मुलाकात हुई थी। दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और फोन पर रोज बात होती थी। सोनिया ने देवर को खत्म करने के बाद गांव लौटकर प्रेमी से मिलने और पांच लाख रुपये देने का लालच देकर साजिश को अंजाम दिलवाया। ⚖️ तीनों आरोपी गिरफ्तार, हत्या में इस्तेमाल चापड़ और मोपेड भी बरामद पुलिस ने सोनिया, छोटा और अकबर को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य पुख्ता हैं और सख्त कार्रवाई की जाएगी। गांव में इस सनसनीखेज वारदात के बाद दहशत का माहौल है। FAQ – Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya ❓ Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya में हत्या का कारण क्या था? उत्तर: पुलिस जांच के मुताबिक, देवर की भाभी सोनिया के अपने प्रेमी छोटा से अवैध संबंध थे। पति के हैदराबाद चले जाने के बाद उसने देवर की जमीन और घर हड़पने और प्रेमी से मिलने का रास्ता साफ करने के लिए हत्या की साजिश रची। ❓ हत्या में कुल कितने लोग शामिल थे? उत्तर: कुल तीन आरोपी थे – भाभी सोनिया, उसका प्रेमी छोटा और छोटा का दोस्त अकबर। तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ❓ Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya कब और कैसे की गई? उत्तर: 17 जुलाई की रात नीटू को फोन कर जंगल में बुलाया गया। फिर मोपेड से ले जाकर जंगल में चापड़ से वार कर हत्या की गई और शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया। ❓ हत्या की साजिश कब और कैसे रची गई? उत्तर: सोनिया ने अपने प्रेमी छोटा को लालच दिया कि अगर वह देवर को खत्म कर दे, तो वह गांव लौटकर उससे रोज़ मिल सकेगी और पांच लाख रुपये भी देगी। इसके बाद छोटा और अकबर ने मिलकर हत्या की योजना बनाई। ❓ आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने क्या कार्रवाई की? उत्तर: पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चापड़ और मोपेड बरामद की है। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है। ❓ Haridwar Sidcul Prem Mein Devar Ki Hatya केस में जांच कैसे आगे बढ़ी? उत्तर: पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और घटनास्थल की जांच से सुराग निकाला और फिर आरोपियों को पकड़ा। यह भी पढ़े – ढोंगी बाबा गिरफ्तार! पुलिस पूछताछ में निकला ऐसा राज जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे

दुखद खबर! चुनाव से पहले प्रत्याशी की अचानक मौत, चुनाव स्थगित

Chamoli News

Chamoli News में चुनाव से पहले दुखद मोड़, गांव में शोक की लहर Chamoli News: से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। चमोली जिले के देवलग्वाड़ ग्राम पंचायत में प्रधान पद के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह (38) का अचानक निधन हो गया। इस खबर से Chamoli News में हलचल मच गई है और निर्वाचन अधिकारी ने प्रधान पद का चुनाव स्थगित करने का फैसला लिया है। राजेंद्र सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। शनिवार को तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें थराली अस्पताल ले गए। वहां से गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। Chamoli News में शोक की लहर, अन्य पदों पर मतदान जारी रहेगा जानकारी के अनुसार, राजेंद्र सिंह के निधन की खबर से देवलग्वाड़ गांव में गहरा शोक फैल गया। वे अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। निर्वाचन अधिकारी अश्विनी गौतम ने प्रधान पद का चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया है, जबकि अन्य पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया पहले की तरह जारी रहेगी। गांव के लोगों के मुताबिक, राजेंद्र सिंह बेहद मिलनसार और समाजसेवी स्वभाव के व्यक्ति थे। Chamoli News में यह घटना इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि चुनाव से ठीक पहले ऐसा हादसा हुआ है। ❓ FAQ Q. Chamoli में पंचायत चुनाव क्यों रोका गया?A. प्रधान पद के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह के निधन की वजह से चुनाव स्थगित कर दिया गया है। Q. क्या अन्य पदों के लिए भी चुनाव टले हैं?A. नहीं, सिर्फ प्रधान पद का चुनाव टला है; बाकी पदों के लिए मतदान जारी रहेगा। Q. राजेंद्र सिंह कौन थे?A. देवलग्वाड़ ग्राम पंचायत के प्रधान पद के प्रत्याशी और सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति थे। यह भी पढ़े….. अधिक जानकारी और आधिकारिक नोटिफिकेशन देखने के लिए उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाएँ।

ढोंगी बाबा गिरफ्तार! पुलिस पूछताछ में निकला ऐसा राज जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे

SALIM

SALIM: हरिद्वार में ‘सतीश’ बनकर भीख मांग रहा था ढोंगी बाबा, पुलिस ने पकड़ा ऑपरेशन कालनेमि के तहत सलिम गिरफ्तार, नाम छिपाकर कर रहा था ठगी रुड़की: हरिद्वार जिले में SALIM नाम का एक शख्स खुद को ‘सतीश’ बताकर गांव-गांव घूमकर भीख मांग रहा था। लेकिन उसकी ये साजिश ज्यादा दिन नहीं चल सकी। ऑपरेशन कालनेमि के तहत झबरेड़ा थाना पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि उसका असली नाम सलिम पुत्र हनीफ है, जो रायसी लक्सर का रहने वाला है और इस समय झबरेड़ा कस्बे में रह रहा था। पुलिस के मुताबिक, सलिम लंबे समय से नाम और पहचान बदलकर भोले-भाले लोगों को गुमराह कर रहा था। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने उसे इकबालपुर चौकी लाकर पूछताछ की, जहां सच्चाई सामने आई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। ढोंगी बाबाओं के खिलाफ लगातार चल रहा है ऑपरेशन कालनेमि एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल के आदेश पर पूरे जिले में ढोंगी बाबाओं और फर्जी साधुओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऑपरेशन कालनेमि के तहत हर संदिग्ध की पहचान और सत्यापन किया जा रहा है। एसपी देहात शेखर चन्द्र सुयाल ने बताया कि SALIM को झबरेड़ा थाना क्षेत्र में नाम बदलकर भिक्षा मांगते हुए पकड़ा गया है। उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई है और ये मुहिम आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने साफ कहा कि ऐसे ढोंगी बाबाओं को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सलीम के पकड़े जाने के बाद क्या बोले ग्रामीण? ग्रामीणों का कहना है कि वो काफी समय से सलिम की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। उन्हें शक था कि यह व्यक्ति असली साधु नहीं है। आखिरकार ग्रामीणों की सतर्कता और पुलिस की कार्रवाई से सच्चाई सामने आई। हरिद्वार पुलिस का कहना है कि भविष्य में भी इस तरह की सख्त कार्रवाई होती रहेगी, ताकि भोली-भाली जनता ठगों और फर्जी बाबाओं से बची रहे। 🙋‍♂️ FAQ ❓ SALIM कौन है और उसे क्यों पकड़ा गया? SALIM असली नाम का व्यक्ति खुद को ‘सतीश’ बताकर हरिद्वार जिले में भीख मांग रहा था। पुलिस जांच में सामने आया कि वह फर्जी बाबा बनकर लोगों को गुमराह कर रहा था, जिसके चलते ऑपरेशन कालनेमि के तहत उसे गिरफ्तार किया गया। ❓ ऑपरेशन कालनेमि क्या है? यह हरिद्वार पुलिस द्वारा चलाया जा रहा एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य फर्जी साधुओं, ढोंगी बाबाओं और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना है। ❓ SALIM को कहां से पकड़ा गया? SALIM को हरिद्वार जिले के झबरेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम सुनहेटी आलापुर में भीख मांगते हुए पुलिस ने पकड़ा। पूछताछ में उसने अपना असली नाम बताया। ❓ SALIM पर किस-किस धारा में केस दर्ज हुआ? पुलिस ने SALIM के खिलाफ संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं में केस दर्ज किया है; इसमें धोखाधड़ी और पहचान छुपाकर ठगी के मामले शामिल हैं। ❓ क्या ऑपरेशन कालनेमि आगे भी चलेगा? जी हां, पुलिस ने साफ किया है कि ढोंगी बाबाओं और फर्जी साधुओं के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी, ताकि किसी को भोली-भाली जनता को ठगने का मौका न मिले। यह भी देखे…..

जानिए कैसे सरकार की नई पहल से हज़ारों युवाओं को मिलेगा रोजगार

Mukhymantri Swarojgar Yojana

Mukhymantri Swarojgar Yojana से उत्तराखंड के युवाओं को मिलेगा नया संबल देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में कौशल विकास एवं श्रम विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक का मुख्य उद्देश्य Mukhymantri Swarojgar Yojana के तहत अधिक से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार से जोड़ना था। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सभी विभागीय सचिवों के साथ समन्वय बनाकर ठोस रणनीति तैयार की जाए, जिससे स्थानीय युवाओं को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर और मिस्त्री जैसे कार्यों के लिए गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण दिया जा सके। Mukhymantri Swarojgar Yojana से जुड़ेंगे इन्क्यूबेशन और ग्रोथ सेंटर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कौशल विकास को इन्क्यूबेशन और ग्रोथ सेंटरों से जोड़ा जाए ताकि युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने हर जिले में प्रशिक्षण केंद्रों को अत्याधुनिक मशीनों, प्रयोगशालाओं और स्मार्ट क्लासरूम से सुसज्जित करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही स्थानीय उद्योगों की जरूरतों और भविष्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए नए कोर्स तैयार करने को कहा गया, जिससे प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलें। महिलाओं के लिए विशेष केंद्र और Skill on Wheels की योजना मुख्यमंत्री ने कहा कि Mukhymantri Swarojgar Yojana के अंतर्गत महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों के लिए ‘Skill on Wheels’ वैन चलाई जाएंगी, जो गांव-गांव जाकर प्रशिक्षण देंगी। युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर दिलाने के लिए भारतीय दूतावासों से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा, खासकर हॉस्पिटेलिटी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में। अन्य महत्वपूर्ण निर्देश: ❓ FAQs about Mukhymantri Swarojgar Yojana Q1: Mukhymantri Swarojgar Yojana का उद्देश्य क्या है?उत्तराखंड के युवाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास से जोड़ना। Q2: किन trades में प्रशिक्षण मिलेगा?प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, मिस्त्री आदि। Q3: क्या महिलाओं के लिए भी योजना है?हाँ, विशेष कौशल केंद्र और ‘Skill on Wheels’ वैन के ज़रिए। Q4: विदेशों में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे?हाँ, भारतीय दूतावासों की मदद से खासकर हॉस्पिटेलिटी और हेल्थ सेक्टर में। Q5: पंजीकरण कैसे होगा?प्रशिक्षण केंद्रों और e-Shram पोर्टल के माध्यम से। यह भी पढ़े….हरेला पर्व पर हरियाली की जीत, जानिए कैसे रचा उत्तराखंड ने नया इतिहास

हरेला पर्व पर हरियाली की जीत, जानिए कैसे रचा उत्तराखंड ने नया इतिहास

Harela Parv

🌿 H2: Harela Parv बना पर्यावरण संरक्षण का मजबूत आंदोलन देहरादून: उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और प्रकृति से जुड़ाव को दिखाने वाला हरेला पर्व अब केवल परंपरा तक सीमित नहीं रहा। इस साल Harela Parv पर पूरे राज्य में नया इतिहास रचा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किए गए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने और भी व्यापक बनाते हुए इसे एक सकारात्मक जन संदेश से जोड़ा:‘हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ’। देहरादून से मुख्यमंत्री ने खुद पौधारोपण कर इस अभियान की शुरुआत की। खास बात यह रही कि इसे केवल सरकारी कार्यक्रम की तरह न देख कर, इसे जन-जन का हरित आंदोलन बना दिया गया। प्रदेश के सभी 13 जिलों के गाँवों, कस्बों और स्कूलों में हजारों जगह पौधारोपण हुआ। प्रशासन, वन विभाग, स्कूलों, स्वयंसेवी संस्थाओं, आंगनबाड़ी केंद्रों और महिला समूहों ने भी पूरे जोश के साथ भागीदारीकी। Harela Parv: उत्तराखंड ने रचा हरियाली का नया इतिहास! अब तक पूरे राज्य में 7 लाख से ज़्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं, जो किसी एक पर्व पर उत्तराखंड के इतिहास का सबसे बड़ा पौधारोपण अभियान है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हरेला पर्व दिखाता है कि उत्तराखंड सिर्फ हिमालयी राज्य नहीं, बल्कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए सक्रिय और जागरूक समाज का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि विकास और आस्था का संतुलन बनाए रखते हुए, पर्यावरण संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिक नीति का हिस्सा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हरेला पर्व अब केवल सांस्कृतिक परंपरा नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों की सामूहिक चेतना और हरित उत्तराखंड के संकल्प का उत्सव बन चुका है। जो पौधे धरती में रोपे जा रहे हैं, वही आने वाले वर्षों में हरियाली, उम्मीद और सतत विकास की नींव बनेंगे। 📌 FAQs about Q1: Harela Parv क्या है?Harela Parv उत्तराखंड का पारंपरिक पर्व है, जो हरियाली, प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित है। इस अवसर पर राज्यभर में पौधारोपण कर धरती माँ को धन्यवाद दिया जाता है। Q2: इस साल Harela Parv पर क्या खास हुआ?इस साल उत्तराखंड में Harela Parv पर रिकॉर्ड 7 लाख से अधिक पौधे लगाए गए। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “एक पेड़ माँ के नाम” प्रेरणा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल से जन आंदोलन का रूप मिला। Q3: Harela Parv क्यों मनाया जाता है?हरेला पर्व न सिर्फ सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने के लिए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, हरियाली बढ़ाने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए भी मनाया जाता है। Q4: Harela Parv का मुख्य संदेश क्या है?मुख्य संदेश है – ‘हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ’, यानी हर व्यक्ति एक पेड़ लगाकर प्रकृति का कर्ज चुकाए। ✅ उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट✅ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आधिकारिक पेज✅ वन विभाग उत्तराखंड यह भी पढ़े……..

उत्तराखंड के इस जिले में युवाओं को मिलेगा 25 लाख तक का लोन, जानिए कैसे ?

cm Swarojgar Yojana

cm Swarojgar Yojana के तहत 725 लाभार्थियों को सब्सिडी युक्त लोन मिलेगा हल्द्वानी: अगर आप बेरोजगार हैं और खुद का व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो cm Swarojgar Yojana आपके लिए बेहतरीन अवसर लेकर आई है। नैनीताल जिले में इस योजना के तहत इस बार 725 लाभार्थियों को सब्सिडी के साथ लोन देने का लक्ष्य रखा गया है। जिला उद्योग केंद्र हल्द्वानी को 580 और जिला खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग को 145 लाभार्थियों का लक्ष्य मिला है। ऑनलाइन ऐसे करें आवेदन जिला उद्योग केंद्र हल्द्वानी की महाप्रबंधक पल्लवी गुप्ता के अनुसार, आवेदक https://msy.uk.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।अगर ऑनलाइन में कोई दिक्कत हो, तो सीधे जिला उद्योग केंद्र पहुंचकर भी आवेदन किया जा सकता है। सब्सिडी की पूरी जानकारी ऋण की राशि सब्सिडी (%) 2 लाख तक 25–30% 2–10 लाख 20–25% 10–25 लाख 15–20% महिला और पर्वतीय जिलों के आवेदकों को ऊपर दी गई सब्सिडी पर 5% अतिरिक्त छूट भी मिलेगी। 70 से ज़्यादा क्षेत्रों में अवसर आवेदक 70 से अधिक सेक्टर में आवेदन कर सकते हैं, जैसे: पिछले वित्तीय वर्ष में 750 के लक्ष्य के मुकाबले 831 लाभार्थियों को लोन दिया गया था। इस साल भी cm Swarojgar Yojana के तहत ज़्यादा युवाओं को स्वरोजगार का मौका मिलेगा। उत्तराखंड की खबरों को पढने के लिए यहाँ क्लिक करे

Tehri का दिल दहला देने वाला हादसा: जानिए कैसे तूफान ने छीनी 2 ज़िंदगियां!

Tehri

उत्तराखंड के Tehri में तूफान के दौरान पेड़ गिरने से दो स्कूली छात्रों की दर्दनाक मौत, परिवारों में शोक, सुरक्षा के लिए मांग तेज़। धनौल्टी (Tehri): उत्तराखंड के टिहरी जिले में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। घनसाली तहसील के नेल गांव में दो स्कूली छात्र स्कूल से घर लौटते समय तूफान की चपेट में आ गए। रास्ते में अचानक एक भारी भरकम पेड़ गिर पड़ा और उसकी चपेट में आकर दोनों छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई। Tehri हादसे में जान गंवाने वाले छात्र-छात्रा की पहचान पूर्व ग्राम प्रधान दुर्गा प्रसाद नौटियाल ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि मृतकों की पहचान 16 वर्षीय आरभ बिष्ट पुत्र दरमियान सिंह और 14 वर्षीय मानसी पुत्री ईश्वर सिंह के रूप में हुई है। दोनों छात्र घुमेटीधार स्थित राजकीय इंटर कॉलेज (GIC) में पढ़ते थे — आरभ 10वीं कक्षा का छात्र था और मानसी 9वीं कक्षा में पढ़ती थी। बारिश और तूफान के बीच हादसा, Tehri में गिरा मौत बनकर पेड़ स्थानीय लोगों के अनुसार, तेज़ बारिश और तूफान के दौरान दोनों छात्र पैदल ही स्कूल से घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान अचानक एक पेड़ गिर गया और दोनों उसकी चपेट में आ गए। उनके साथ लौट रहे अन्य छात्रों ने तत्काल गांव जाकर ग्रामीणों को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ हटाकर दोनों शवों को निकाला। Tehri हादसे के बाद परिवारों में कोहराम, गांव में शोक की लहर पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और जांच जारी है। आरभ अपने परिवार में दो भाइयों में बड़ा था, वहीं मानसी चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर थी। इस हादसे से दोनों परिवारों में कोहराम मच गया है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव में भी शोक की लहर दौड़ गई है। Tehri के स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बच्चों की सुरक्षा के लिए मांग की कि खराब मौसम के दौरान बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी इंतज़ाम किए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके। यह भी देखे……

अक्टूबर में होगा बड़ा बैंक लोन मेला, बिना झंझट के मिलेगा लोन! Uttarakhand Loan Scheme 2025

Uttarakhand Loan Scheme 2025

Uttarakhand Loan Scheme 2025 देहरादून: राज्य सरकार ने Uttarakhand Loan Scheme 2025 के तहत आम जनता को सरल ऋण प्रदान करने के लिए एक नई पहल की है… केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने लोनवितरण प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से सीमांत और पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसके लिए अक्टूबर महीने में बड़े स्तर पर कैंप का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि बीमा योजनाओं Uttarakhand Loan Scheme 2025 में क्लेम की प्रक्रिया को आसान बनाना जरूरी है ताकि किसानों को जल्द से जल्द मदद मिल सके। साथ ही, उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में लोन जमा अनुपात बढ़ाने पर भी जोर दिया। Uttarakhand Loan Scheme 2025 वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य का ऋण जमा अनुपात 54 फीसदी से बढ़कर 54.26 फीसदी हुआ है। मुख्यमंत्री ने इसे 60 फीसदी तक बढ़ाने के लिए और प्रयासों की आवश्यकता जताई। खासकर पर्वतीय जिलों जैसे टिहरी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा में लोन प्रक्रिया को लेकर अलग-अलग Uttarakhand Loan Scheme 2025 कैंप लगाए जाएंगे… अक्टूबर में आयोजित होने वाले कैंप में बैंक Uttarakhand Loan Scheme 2025 और प्रशासन के अधिकारी एक ही स्थान पर उपस्थित रहेंगे, जिससे लोन आवेदन की सभी औपचारिकताएं मौके पर पूरी की जा सकेंगी। इससे लाभार्थियों को योजनाओं का सीधा और तेज लाभ मिलेगा। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना Uttarakhand Loan Scheme 2025 के तहत उत्तराखंड में प्रति लाख 48 हजार लोगों को बीमा कवर मिला है, जो राष्ट्रीय औसत से लगभग 8 हजार अधिक है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत राज्य में प्रति व्यक्ति औसतन 93,900 रुपये का लोन दिया गया है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। इन सभी योजनाओं को Uttarakhand Loan Scheme 2025 से जोड़ते हुए एक समेकित अभियान की तैयारी है… इसके अलावा, प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अब तक राज्य में 39 लाख खाते खोले जा चुके हैं। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत भी पिछले तीन वर्षों में अच्छी प्रगति हुई है। राज्य में कुल 6 लाख 10 हजार से अधिक किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सुविधा का लाभ उठाया है, जिनमें 67 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं। स्वयं सहायता समूहों की संख्या में भी पिछले तीन वर्षों में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिनमें से 70.23 प्रतिशत का क्रेडिट लिंकेज है। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोन प्रक्रिया Uttarakhand Loan Scheme 2025 को सरल बनाया जाए ताकि हर हितग्राही को लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में राज्य भर में आयोजित होने वाले मेले में बैंक और प्रशासन के कर्मचारी मौजूद रहेंगे, जिससे लोन आवेदन की सभी औपचारिकताएं मौके पर पूरी हो सकेंगी। अधिक जानकारी के लिए देखें: उत्तराखंड सरकार आधिकारिक वेबसाइट प्रधानमंत्री मुद्रा योजना किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना