21 साल की चुप्पी…फिर भी कांपता रहा अंडरवर्ल्ड इस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट से!

Encounter Specialist Daya Nayak: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक की अनसुनी कहानी – 21 साल बाद भी क्यों है उनका खौफ? Encounter Specialist Daya Nayak: ACP बनने तक का सफर, संघर्ष और विवाद मुंबई पुलिस के बहुचर्चित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक, जिन्होंने अपने करियर में करीब 80 से ज्यादा कथित गैंगस्टर और आतंकवादियों का एनकाउंटर किया, आज भी पुलिस महकमे में एक मिसाल माने जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने पिछले 21 सालों से अपनी सर्विस रिवॉल्वर से एक भी गोली नहीं चलाई, फिर भी उनका नाम अंडरवर्ल्ड के लिए डर का दूसरा नाम है। दया नायक को हाल ही में सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) पद पर पदोन्नति मिली है और वे 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। उनका जीवन सिर्फ़ एनकाउंटर की कहानियों से ही नहीं, बल्कि उतार-चढ़ाव, विवाद और हिम्मत से वापसी की मिसाल से भी भरा पड़ा है। Encounter Specialist Daya Nayak: कैसे बने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट? दया नायक मूल रूप से कर्नाटक के तटीय गांव येन्नेहोले से आते हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ मुंबई में छोटे-मोटे काम किए और फिर महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन (MPSC) की परीक्षा पास कर 1995 में मुंबई पुलिस में सब-इंस्पेक्टर बने। पोस्टिंग के दौरान उनकी मुलाकात इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा से हुई, जो मुंबई पुलिस के फेमस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। शर्मा ने नायक की अपराध की तह तक पहुँचने की काबिलियत देखकर उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। यहीं से शुरू हुई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक की कहानी। Encounter Specialist Daya Nayak की उपलब्धियां और विवाद 📅 साल घटना विवरण 1995 पुलिस सेवा में शामिल सब-इंस्पेक्टर बने 1997-2004 एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर सक्रिय करीब 80 कथित अपराधियों का एनकाउंटर 2004 आख़िरी एनकाउंटर मलाड में एक गैंगस्टर को मारा 2006 विवाद आय से अधिक संपत्ति का मामला, दो महीने जेल 2012 वापसी सबूत के अभाव में आरोपमुक्त 2025 ACP पद रिटायरमेंट से ठीक पहले पदोन्नति Encounter Specialist Daya Nayak: विवाद का सच 2006 में जब दया नायक ने अपने गांव में अपनी मां के नाम पर हाईटेक स्कूल खोला, तो मीडिया में यह सवाल उठा कि एक सब-इंस्पेक्टर इतना पैसा कहां से लाया? इसके बाद उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ। दया का कहना था कि पुलिस विभाग के कुछ साथियों की जलन और अंदरूनी राजनीति की वजह से उन पर झूठा केस किया गया। दो महीने जेल में रहने के बाद भी एंटी करप्शन ब्यूरो उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर सका, और वे आरोपमुक्त हो गए। Encounter Specialist Daya Nayak: बॉलीवुड और मीडिया में छवि Encounter Specialist Daya Nayak: दोस्ती से दूरी तक प्रदीप शर्मा और दया नायक की जोड़ी ने अंडरवर्ल्ड में दहशत फैलाई। लेकिन जैसे-जैसे नए अफसर आए, दोनों के बीच दरार आ गई। कुछ अफसरों को लगता था कि नायक की बढ़ती लोकप्रियता शर्मा को पसंद नहीं आई। ❓ FAQs: Encounter Specialist Daya Nayak Q1: दया नायक ने कितने एनकाउंटर किए? उत्तर: लगभग 80 से ज्यादा कथित गैंगस्टर और आतंकियों का एनकाउंटर किया। Q2: दया नायक पर क्या आरोप लगे थे? उत्तर: 2006 में उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ, लेकिन बाद में सबूत के अभाव में आरोपमुक्त हो गए। Q3: दया नायक का आख़िरी एनकाउंटर कब हुआ? उत्तर: 2004 में मलाड में एक कथित गैंगस्टर को मार गिराया, इसके बाद पिछले 21 सालों से कोई गोली नहीं चलाई। Q4: दया नायक का जन्म कहां हुआ? उत्तर: कर्नाटक के तटीय गांव येन्नेहोले में। यहाँ भी पढ़े….
जगदीस धनखड़ ने इस्तीफ़ा क्यों दिया? अब कौन बनेगा देश का नया उपराष्ट्रपति?

Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivad: क्या सेहत थी वजह या कुछ और? Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivad से संसद के मॉनसून सत्र में सियासी भूचाल! नई दिल्ली: 21 जुलाई की रात, जब पूरा देश संसद के मॉनसून सत्र की चर्चाओं में डूबा था, तभी अचानक भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का आधिकारिक एक्स (Twitter) अकाउंट से इस्तीफ़ा सामने आया। धनखड़ ने अपने इस्तीफ़े में सेहत का कारण लिखा…लेकिन विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बात सिर्फ़ सेहत की नहीं है इसके पीछे बड़े विवाद और असहमति की कहानियाँ छुपी हैं। Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivad: इस्तीफ़े के पीछे की संभावित वजहें धनखड़ के इस्तीफ़े की अचानक खबर ने सबको चौंका दिया। उस दिन उन्होंने संसद की कार्यवाही में हिस्सा लिया, तीन अहम बैठकों की अध्यक्षता भी की। फिर ऐसी क्या वजह थी कि रात तक इस्तीफ़ा देना पड़ा? विशेषज्ञों की राय: वजह विवरण न्यायपालिका पर बयान धनखड़ ने कई बार न्यायपालिका की आलोचना की, जिससे सरकार असहज थी विपक्षी प्रस्ताव को मंज़ूरी राज्यसभा में विपक्ष के जस्टिस यशवंत वर्मा वाले प्रस्ताव को स्वीकार करना किसानों के मुद्दों पर सख़्त रुख़ किसानों के पक्ष में टिप्पणी, सरकार से नाराज़गी बढ़ी विदेशी मेहमानों से न मिलने देना कुछ विदेशी नेताओं से मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई अंदरूनी नाराज़गी सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से नाराज़गी की सूचना मिली Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivad पर विशेषज्ञों की चर्चा विशेषज्ञों ने कहा कि शाम 4 से 8 बजे के बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने इस्तीफ़े की ज़मीन तैयार की। सरकार की नाराज़गी की खबर मिलते ही धनखड़ ने इस्तीफ़ा देने का फैसला किया, और हैरानी की बात है कि दूसरी ओर से उन्हें मनाने की कोई कोशिश नहीं की गई।” ⚡ Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivaad: इस्तीफ़े की टाइमलाइन समय घटना 21 जुलाई सुबह संसद की कार्यवाही, राज्यसभा में अध्यक्षता दोपहर 4 बजे बीएसी (बिज़नेस एडवाइज़री कमेटी) की बैठक, बीजेपी नेता नहीं पहुँचे शाम 6 बजे विपक्षी नेताओं से मुलाकात रात करीब 8 बजे इस्तीफ़ा ट्वीट के जरिए सार्वजनिक Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivad पर विपक्ष की प्रतिक्रिया विपक्ष को भी इस्तीफ़े की उम्मीद नहीं थी। सबा नक़वी ने कहा कि जब तक धनखड़ बीजेपी की लाइन पर थे, तब तक सब ठीक था। लेकिन जैसे ही उन्होंने विपक्ष से थोड़ी नरमी दिखाई, पार्टी में असहजता बढ़ गई। ❓ FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) Q1: Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivad की असली वजह क्या मानी जा रही है?जस्टिस वर्मा प्रस्ताव को मंज़ूरी, न्यायपालिका पर बयानबाज़ी, किसानों के मुद्दों पर कड़ा रुख़ और सरकार की नाराज़गी प्रमुख वजह मानी जा रही हैं। Q2: इस्तीफ़ा अचानक क्यों हुआ?दिनभर सब सामान्य था, लेकिन शाम के 4 से 8 बजे के बीच सरकार की नाराज़गी की खबर आई, जिसके बाद इस्तीफ़ा दे दिया गया। Q3: विपक्ष का क्या रुख़ रहा?विपक्ष को भी इस्तीफ़े की उम्मीद नहीं थी, लेकिन बाद में विपक्ष ने प्रक्रिया पर सवाल उठाए। Q4: अगला उपराष्ट्रपति कौन हो सकता है?फिलहाल कोई तय नहीं, लेकिन जिनके नाम चर्चा में हैं, उनकी संभावना कम मानी जा रही है। निष्कर्ष Uparashtrapati Jagdeep Dhankhar Istifa Vivaad सिर्फ़ सेहत का मामला नहीं लगता। अंदरूनी राजनीति, सरकार से बढ़ती नाराज़गी और कुछ विवादों ने इस इस्तीफ़े को मजबूर किया।अब सबकी नजरें नए उपराष्ट्रपति पर टिकी हैं….और राजनीति में हलचल जारी है। यह भी पढ़े….