रुद्रप्रयाग व चमोली में बादल फटने से हाहाकार, सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए राहत-बचाव के सख्त निर्देश!

देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचाई है। जनपद रुद्रप्रयाग की तहसील बसुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ डुंगर तोक और चमोली जनपद के देवाल क्षेत्र में बादल फटने से भारी मलबा आने की खबर है। इस आपदा में कई परिवार प्रभावित हुए हैं और कुछ लोग मलबे में फंसे होने की सूचना मिली है। घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुःख व्यक्त किया और प्रशासन को युद्धस्तर पर राहत-बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए। सीएम धामी का बयान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मैं निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं। आपदा सचिव और दोनों जिलाधिकारियों से बात कर बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। बाबा केदार से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।” मौके पर राहत-बचाव अभियान प्रभावित क्षेत्रों में SDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें तैनात की गई हैं। फंसे परिवारों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मलबे के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

थराली आपदा प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री ने किया स्थलीय निरीक्षण

अधिकारियों को राहत एवं रेस्टोरेशन कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को चमोली जनपद के आपदा प्रभावित क्षेत्र थराली का दौरा किया और प्रभावित परिवारों का हालचाल जाना। उन्होंने अधिकारियों को 24×7 मोड पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए और कहा कि राहत कार्यों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। कुलसारी राहत शिविरों में प्रभावितों से ली व्यवस्थाओं की जानकारी मुख्यमंत्री ने कुलसारी में बनाए गए राहत शिविर का निरीक्षण किया और वहां रह रहे प्रभावितों से सीधा फीडबैक लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रभावित को असुविधा न हो और पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया जाए। प्रभावित परिवारों को तत्काल 5-5 लाख की सहायता राशि के चेक प्रदान करने के निर्देश सीएम धामी ने आपदा में पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों एवं मृतकों के परिजनों को तत्काल ₹5-5 लाख की सहायता राशि के चेक प्रदान करने के साथ ही, बेघर हुए परिवारों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। “संकट की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह साथ खड़ी है” – मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार पूरी तरह से प्रभावितों के साथ खड़ी है। उन्होंने युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य संचालित करने का भरोसा दिलाया। जिला प्रशासन ने दी राहत कार्यों की अद्यतन जानकारी जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रभावितों को सुरक्षित राहत शिविरों में ठहराया गया है। कुलसारी राजकीय पॉलिटेक्निक में 12, प्राथमिक विद्यालय चेपड़ो में 36 और थराली अपर बाजार में 20 लोगों को ठहराया गया है। प्रभावितों को भोजन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग सुचारू कर दिए गए हैं और विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बहाल करने का कार्य प्रगति पर है। निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे जनप्रतिनिधि और अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अभिषेक गुप्ता, एसडीएम सोहन सिंह रांगड, एसडीएम पंकज भट्ट और सीओ अमित कुमार सैनी भी मौजूद रहे।

चमोली ब्रेकिंग: बादल फटने से मची तबाही, एसडीएम आवास तक पहुंचा मलबा…लोग घर छोड़ भागे, एक लापता

चमोली: थराली में शनिवार देर शाम से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बरस रहे बादलों ने थराली तहसील मुख्यालय के साथ कई गांवों में तबाही मचा दी है। सबसे ज्यादा नुकसान राड़ीबगड़ और चेपडो में देखने को मिला है। टुनरी गधेरे में बादल फटने से दोनों जगहों पर भारी मलबा आ गया। कई गाड़ियां मलबे में दब गईं, वहीं मलबा सीधे घरों में घुसने से लोग दहशत में आ गए। हालात इतने बिगड़े कि मलबा एसडीएम आवास तक जा पहुंचा। सगवाड़ा गांव से एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है, जिसकी तलाश की जा रही है। इधर, पिंडर नदी और प्राणमती नदी उफान पर हैं। तेज बहाव और नदियों के लगातार बढ़ते जलस्तर से आसपास के गांवों के लोग भयभीत होकर अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए हैं। स्थानीय लोग बता रहे हैं कि देर शाम से लगातार मूसलाधार बारिश जारी है, जिससे राहत की कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही। प्रशासन अलर्ट पर है और हालात पर नजर बनाए हुए है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से स्थिति और गंभीर होती जा रही है। पहाड़ों से आ रहे मलबे और तेज बारिश ने लोगों की नींद उड़ा दी है। ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं, जबकि प्रशासन लोगों से सतर्क और सावधान रहने की अपील कर रहा है। देश अपडेट न्यूज़

इतिहास में पहली बार…उत्तराखंड सदन में सोए विधायक, गूंज उठा विपक्ष का विरोध

भराड़ीसैंण से बड़ी खबर उत्तराखंड की राजनीति में आज इतिहास रच गया।भराड़ीसैंण विधानसभा में विपक्ष का ऐसा रौद्र रूप देखने को मिला, जो पहले कभी नहीं देखा गया। कांग्रेस विधायक कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर अड़े रहे और नियम 310 के तहत चर्चा की मांग करते रहे। नैनीताल में जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण और गोलीकांड पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई। लेकिन सदन में इस मामले को न उठाए जाने से कांग्रेस भड़क गई। सुबह से लेकर पूरी कार्यवाही खत्म होने तक विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। इतना ही नहीं, सदन की कार्रवाई खत्म होने के बाद भी कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर से बाहर नहीं निकले। उन्होंने बीच सदन में ही बिस्तर डालकर रात गुजारने का ऐलान कर दिया। आज पहली बार उत्तराखंड की विधानसभा में ऐसा दृश्य देखने को मिला, जब सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव ने सदन को धरना स्थल में बदल दिया।

हेलंग में टूटा पहाड़! चमोली डैम साइट पर अचानक भूस्खलन, मची चीख पुकार

Helang mein tuta pahaad

Helang mein tuta pahaad: चमोली में निर्माणाधीन डैम साइट पर बड़ा हादसा, आठ मजदूर घायल Helang mein tuta pahaad, मची अफरा-तफरी – वीडियो वायरल Chamoli news – चमोली जिले के हेलंग में उस वक्त हड़कंप मच गया जब निर्माणाधीन विष्णुगाड़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की डाइवर्जन साइट पर अचानक बड़ा भूस्खलन हो गया। इस हादसे में Helang mein tuta pahaad की वजह से चार मजदूर घायल हो गए। शनिवार को हुए इस हादसे के वक्त वहां लगभग 200 मजदूर काम कर रहे थे। गनीमत रही कि चट्टान गिरने के समय ज़्यादातर मजदूर साइट से थोड़ी दूरी पर थे, जिससे बड़ा हादसा टल गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो सोशल मीडिया पर भूस्खलन का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर रहा है। वीडियो में लोगों की घबराहट और मौके पर मची अफरा-तफरी भी साफ झलकती है। मौके पर पहुंचा प्रशासन, रोका गया निर्माण कार्य घटना की सूचना मिलने पर तहसील प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जहां रेस्क्यू कर सभी घायलों को चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि हेलंग में हुई घटना के दौरान किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं है। घटना में 8 लोगों के घायल हुए हैं। 4 लोगों का टीएचडीसी चिकित्सालय में उपचार किया जा रहा है। जबकि गंभीर रूप से घायल 2 लोगों को स्वामी विवेकानंद अस्पताल पीपलकोटी में उपचार किया जा रहा है। वहीं पीपलकोटी में ही एक व्यक्ति का प्लास्टर करवाया जा रहा है। जबकि 1 गंभीर घायलों को मेडिकल कालेज श्रीनगर रेफर किया जा रहा है। बारिश से बढ़ा खतरा, प्रशासन ने की अपील विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार बारिश की वजह से पहाड़ की चट्टानों में दरारें पड़ जाती हैं, जिससे ऐसे हादसों का ख़तरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निर्माणाधीन स्थल के पास न जाएं और पूरी तरह से सतर्क रहें। ❓ FAQ: Helang mein tuta pahaad ✅ Q1: Helang mein tuta pahaad का वीडियो कहां देख सकते हैं?👉 सोशल मीडिया और स्थानीय न्यूज़ चैनलों पर यह वीडियो वायरल हो चुका है। ✅ Q2: Helang mein tuta pahaad से कितने मजदूर घायल हुए?👉 इस हादसे में चार मजदूर घायल हुए हैं, गनीमत रही कि कोई गंभीर रूप से हताहत नहीं हुआ। ✅ Q3: हादसा कब और कहां हुआ?👉 शनिवार को चमोली जिले के हेलंग में निर्माणाधीन विष्णुगाड़-पीपलकोटी डैम साइट पर। ✅ Q4: क्या अभी भी वहां काम चल रहा है?👉 फिलहाल सुरक्षा कारणों से निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। देश अपडेट न्यूज़

सारकोट की युवा प्रधान प्रियंका नेगी को मुख्यमंत्री धामी ने दी बधाई, गांव को बनाया जाएगा आदर्श ग्राम

देहरादून/चमोली, 1 अगस्त 2025 Young Pardhan of Sarkot Priyanka Negi मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के गैरसैंण क्षेत्र अंतर्गत सारकोट ग्राम पंचायत की नव-निर्वाचित 21 वर्षीय प्रधान प्रियंका नेगी को फोन कर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने ग्रामीणों द्वारा एक पढ़ी-लिखी युवा महिला को ग्राम प्रधान चुनने के फैसले की सराहना करते हुए इसे सामाजिक जागरूकता की मिसाल बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सारकोट को एक आदर्श ग्राम के रूप में विकसित कर रही है और इसके लिए जल्द ही सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सारकोट का अध्ययन दौरा करेंगे। उन्होंने बताया कि सारकोट मॉडल के आधार पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी आदर्श गांव विकसित किए जाएंगे, जहां कृषि, पशुपालन और महिला स्वरोजगार जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने प्रियंका नेगी को देहरादून आने का आमंत्रण भी दिया और गांव के समग्र विकास पर चर्चा करने का भरोसा दिलाया। इस दौरान प्रियंका नेगी ने सारकोट को गोद लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि गांव में पहले की तुलना में अब कई बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं और वह सरकार के सहयोग से विकास कार्यों को और गति देंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंचायत चुनावों में युवाओं और शिक्षित प्रतिनिधियों का चयन लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत है। राज्य सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली को मजबूत करने हेतु हरसंभव सहयोग देगी ताकि ग्राम स्तर पर विकास को और मजबूती मिले। यह भी पढ़े….

छोटे से गांव की बेटी ने कर दिखाया बड़ा कारनामा! देश पाई 86वीं रैंक, बनीं नर्सिंग अधिकारी

Shreya Negi Chamoli News

श्रेया नेगी : उत्तराखंड की बेटी ने नर्सिंग अधिकारी बनकर किया प्रदेश का नाम रोशन Chamoli News – उत्तराखंड की होनहार बेटियां आज शिक्षा के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल कर अपने परिजनों का मान बढ़ा रही हैं। इन बेटियों की कामयाबी प्रदेश के हर घर में उम्मीद और गर्व की नई कहानी लिख रही है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक उपलब्धि हासिल की है चमोली जिले की Shreya Negi ने, जो हाल ही में चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज एवं गवर्नमेंट हॉस्पिटल में नर्सिंग अधिकारी के पद पर चयनित हुई हैं। श्रेया नेगी को मिली 86वीं रैंक, परिजनों में खुशी का माहौल मूल रूप से चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लॉक के सिंद्रवाणी गांव, गौचर की रहने वाली Shreya Negi ने चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज एवं गवर्नमेंट हॉस्पिटल में नर्सिंग अधिकारी के लिए आयोजित परीक्षा में देशभर में 86वीं रैंक हासिल की है। बीते 29 जून को आयोजित परीक्षा में सफलता पाकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया। इससे पहले श्रेया हरिद्वार में CHO के पद पर कार्यरत थीं। श्रेया के चाचा देवेंद्र सिंह नेगी के अनुसार श्रेया शुरू से ही पढ़ाई में तेज रही हैं। उन्होंने राजकीय नर्सिंग कॉलेज टिहरी से बीएससी नर्सिंग की डिग्री हासिल की और अब नर्सिंग अधिकारी के रूप में चयनित होकर परिवार के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया। श्रेया की इस कामयाबी के बाद से रिश्तेदारों, मित्रों और शुभचिंतकों की ओर से बधाइयों का सिलसिला लगातार जारी है। परिजनों के चेहरे पर भी खुशी साफ झलक रही है। ❓ FAQ Q1.श्रेया नेगी कहां की रहने वाली हैं?Shreya Negi उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग ब्लॉक के सिंद्रवाणी गांव, गौचर की रहने वाली हैं। Q2. श्रेया नेगी को किस पद के लिए चयनित किया गया?Shreya Negi का चयन चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज एवं गवर्नमेंट हॉस्पिटल में नर्सिंग अधिकारी के पद पर हुआ है। Q3. श्रेया नेगी ने कितनी रैंक हासिल की?Shreya Negi ने देशभर में 86वीं रैंक हासिल की है। Q4. श्रेया नेगी की शिक्षा पृष्ठभूमि क्या है?Shreya Negi ने राजकीय नर्सिंग कॉलेज टिहरी से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की है और पहले हरिद्वार में CHO के पद पर कार्यरत थीं। यह भी पढ़े….

चमोली में हादसा: छुट्टी पर लौटे जवान की खाई में गिरकर मौत

Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut

Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut: छुट्टी पर लौटा सैनिक, खाई में गिरने से दर्दनाक मौत चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। देवाल विकासखंड के चौड़ गांव में छुट्टी पर घर लौटे सैनिक वीरेंद्र सिंह (35 वर्ष) की खाई में गिरने से मौत हो गई। वीरेंद्र सिंह लैंसडाउन में तैनात थे और मंगलवार को ही छुट्टी लेकर अपने गांव लौटे थे। ⚡ Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut – हादसा कैसे हुआ? बताया जा रहा है कि बुधवार देर शाम वीरेंद्र सिंह पास के एक अन्य गांव से अपने गांव वापस आ रहे थे। इसी दौरान पांव फिसलने से वे करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरे। हादसे की खबर मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे और अंधेरे में मशक्कत कर वीरेंद्र को खाई से निकाला। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही वीरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया। वीरेंद्र चौड़ गांव निवासी एवं पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख हरेंद्र सिंह कोटडी के छोटे भाई थे। 😢 गांव में पसरा मातम, परिवार का बुरा हाल – Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut वीरेंद्र सिंह की असमय मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण भी इस घटना से स्तब्ध हैं और वीरेंद्र को याद कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है और वीरेंद्र सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए कर्णप्रयाग अस्पताल भेजा जा रहा है। ❓ FAQ – Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut 👉 सवाल: सैनिक की मौत कहां हुई? उत्तर: यह हादसा उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल विकासखंड के चौड़ गांव में हुआ, जहां छुट्टी पर आए सैनिक वीरेंद्र सिंह खाई में गिर गए। 👉 सवाल: सैनिक कब छुट्टी पर घर लौटे थे? उत्तर: वीरेंद्र सिंह मंगलवार को ही छुट्टी लेकर अपने गांव लौटे थे और बुधवार शाम को हादसे का शिकार हो गए। 👉 सवाल: Chamoli mein chhutti par aaye sainik ki maut का हादसा कैसे हुआ? उत्तर: वीरेंद्र सिंह दूसरे गांव से लौटते समय रास्ते में पांव फिसलने से करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। 👉 सवाल: वीरेंद्र सिंह कहां तैनात थे? उत्तर: वीरेंद्र सिंह वर्तमान में उत्तराखंड के लैंसडाउन में तैनात थे। 👉 सवाल: हादसे के बाद क्या कार्रवाई हुई? उत्तर: ग्रामीणों ने रात में वीरेंद्र सिंह को खाई से निकाला, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। पुलिस और अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए कर्णप्रयाग अस्पताल भेजा गया है। यह भी पढ़े….. और अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक करें और भारत सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अपडेट पढ़ें।

दुखद खबर! चुनाव से पहले प्रत्याशी की अचानक मौत, चुनाव स्थगित

Chamoli News

Chamoli News में चुनाव से पहले दुखद मोड़, गांव में शोक की लहर Chamoli News: से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। चमोली जिले के देवलग्वाड़ ग्राम पंचायत में प्रधान पद के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह (38) का अचानक निधन हो गया। इस खबर से Chamoli News में हलचल मच गई है और निर्वाचन अधिकारी ने प्रधान पद का चुनाव स्थगित करने का फैसला लिया है। राजेंद्र सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। शनिवार को तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें थराली अस्पताल ले गए। वहां से गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। Chamoli News में शोक की लहर, अन्य पदों पर मतदान जारी रहेगा जानकारी के अनुसार, राजेंद्र सिंह के निधन की खबर से देवलग्वाड़ गांव में गहरा शोक फैल गया। वे अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। निर्वाचन अधिकारी अश्विनी गौतम ने प्रधान पद का चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया है, जबकि अन्य पदों के लिए चुनाव प्रक्रिया पहले की तरह जारी रहेगी। गांव के लोगों के मुताबिक, राजेंद्र सिंह बेहद मिलनसार और समाजसेवी स्वभाव के व्यक्ति थे। Chamoli News में यह घटना इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि चुनाव से ठीक पहले ऐसा हादसा हुआ है। ❓ FAQ Q. Chamoli में पंचायत चुनाव क्यों रोका गया?A. प्रधान पद के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह के निधन की वजह से चुनाव स्थगित कर दिया गया है। Q. क्या अन्य पदों के लिए भी चुनाव टले हैं?A. नहीं, सिर्फ प्रधान पद का चुनाव टला है; बाकी पदों के लिए मतदान जारी रहेगा। Q. राजेंद्र सिंह कौन थे?A. देवलग्वाड़ ग्राम पंचायत के प्रधान पद के प्रत्याशी और सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति थे। यह भी पढ़े….. अधिक जानकारी और आधिकारिक नोटिफिकेशन देखने के लिए उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाएँ।

वन अधिकारी को मिलेगा डॉक्टरेट सम्मान! जानिए किस काम ने बना दिया सबका हीरो

Honorary Doctorate for Environmental and Social Work

DLM Aan Singh Kandli will receive an Honorary Doctorate for Environmental and Social Work from the World Human Rights Protection Commission for his outstanding contributions. The award ceremony will be held on July 31, 2025, in Dehradun. About the Honorary Doctorate for Environmental and Social Work by WHRPC कर्णप्रयाग: सामाजिक और पर्यावरणीय सेवाओं के लिए डीएलएम आन सिंह कांदली को मिलेगा डॉक्टरेटवन निगम कर्णप्रयाग में तैनात प्रभागीय लौगिंक प्रबंधक डीएलएम आन सिंह कांदली को विश्व मानवाधिकार संरक्षण आयोग (World Human Rights Protection Commission) द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। Why Aan Singh Kandli Is Receiving an Honorary Doctorate for Environmental and Social Work यह उपाधि उन्हें पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा और सामाजिक क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान के लिए दी जा रही है। Award Ceremony of the Honorary Doctorate for Environmental and Social Work सम्मान समारोह कब और कहां?डॉ. आन सिंह कांदली को यह सम्मान 31 जुलाई 2025 को देहरादून में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा। आयोग द्वारा यह डॉक्टरेट उपाधि हर वर्ष उन्हीं व्यक्तित्वों को दी जाती है, जिन्होंने मानव सेवा और प्रकृति संरक्षण में उल्लेखनीय कार्य किया हो। कौन हैं आन सिंह कांदली? “सिर्फ प्रशासनिक कार्य नहीं, समाज सेवा भी मेरी जिम्मेदारी है।” डीएलएम आन सिंह कांदली आन सिंह कांदली पिछले 15 वर्षों से अधिक समय से वन विभाग में सेवा दे रहे हैं। वे न केवल अपने प्रशासनिक कार्यों में दक्ष हैं, बल्कि उन्होंने समाज सेवा को भी अपने कर्तव्यों का हिस्सा बनाया है। सामाजिक योगदान:ज़रूरतमंदों को शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार में आर्थिक सहयोगपौधरोपण, अतिक्रमण रोकथाम, और कर्मचारियों के सहयोग से पर्यावरणीय अभियानों का संचालन टीम का उत्साह और बधाई डीएलएम कांदली के इस सम्मान को लेकर उनके साथियों में भी ख़ुशी की लहर है। इस मौके पर लौगिंक सहायक दीपक बिष्ट, स्केलर ओम प्रकाश रावत, पुरण चंद्र डिमरी, दीपक पंत, लक्ष्मण, और सूरज फर्रस्वाण आदि ने हर्ष जताया और बधाई दी। (FAQs) डीएलएम आन सिंह कांदली को डॉक्टरेट क्यों मिला?उन्हें यह उपाधि पर्यावरण, वन्यजीव संरक्षण और समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दी गई। यह सम्मान कब और कहां दिया जाएगा?उन्हें 31 जुलाई 2025 को देहरादून में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा। क्या यह उपाधि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य है?हां, यह उपाधि विश्व मानवाधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दी जाती है जो एक प्रतिष्ठित संस्था है।