नवजात की मौत से मचा हड़कंप, पिता थैले में शव लेकर पहुंचा डीएम कार्यालय

Navjaat ki Maut

नवजात की मौत (Navjaat ki Maut): पिता थैले में शव लेकर अधिकारियों के सामने पहुंचा, अस्पताल सील

नवजात की मौत (Navjaat ki Maut) से टूटे परिवार की दर्दभरी दास्तान, पिता ने अधिकारियों से की मदद की गुहार

लखीमपुर/महेवागंज: नवजात की मौत ने विपिन के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। सात साल बाद खुशियां मनाने वाला परिवार अब अनजाने डर और पीड़ा के बीच भटक रहा है। नवजात बेटे की मौत के बाद पिता विपिन ने शव हाथ में टंगे थैले में लेकर कलक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों के सामने अपना दर्द बयां किया। थैले में शव देखकर वहां मौजूद अधिकारी भी सहम गए।

विपिन रो-रोकर अपनी व्यथा बयां करता रहा, “साहब, किसी तरह बच्चे को जिंदा कर दो। इसकी मां दूसरे अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसे बताया गया है कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है। आप ही बताएं कि उसकी मां को क्या जवाब दूं।”

पीड़ित पिता के दर्द को सुनकर अधिकारियों के भी आंखों में आंसू छलक आए। मामले की गंभीरता को समझते हुए डीएम कार्यालय के निर्देश पर अस्पताल को तुरंत सील कर दिया गया।

नवजात की मौत (Navjaat ki Maut) के बाद अस्पताल सील, जांच शुरू

सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता और एसडीएम सदर अश्विनी कुमार सिंह अपनी टीम के साथ तुरंत गोलदार अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में मौजूद तीन मरीजों को जिला महिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया। अस्पताल में चल रही लापरवाही की जांच शुरू कर दी गई है। डीएम को मामले की जानकारी दे दी गई है और जांच में तेजी लाई जा रही है।

विपिन के परिवार की दर्दभरी कहानी

विपिन के घर में सात साल बाद खुशियां लौट रही थीं। उनका एक बेटा है जिसकी उम्र सात वर्ष है। नई संतान के आने की खुशी में परिवार पूरी तरह से मग्न था, लेकिन नवजात की मौत ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।

नवजात की मौत (Navjaat ki Maut) से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1: नवजात की मौत (Navjaat ki Maut) का मुख्य कारण क्या है?
A: इस मामले में अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही और सिस्टम की खामियों को जांचा जा रहा है।

Q2: अस्पताल को क्यों सील किया गया है?
A: अस्पताल में हुई कथित लापरवाही की जांच के तहत अधिकारियों ने इसे सील कर दिया है ताकि जांच में बाधा न आए।

Q3: नवजात की मां की क्या हालत है?
A: नवजात की मां को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है।

Q4: पिता विपिन को क्या सहायता मिली है?
A: प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी है और मामले की न्यायपूर्ण जांच का आश्वासन दिया है।

Q5: भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
A: जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और अस्पतालों की कार्यप्रणाली कड़ी की जाएगी ताकि पुनः ऐसी घटनाएं न हों।

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