Jammu and Kashmir: किश्तवाड़ में दिल दहलाने वाला मंजर, 38 की मौत…देखें तबाही की तस्वीरें

Kishtwar Mein Phata Baadal

Kishtwar Mein Phata Baadal: चिशौती कस्बे में बादल फटने से भारी तबाही, 38 की मौत, कई लापता


हादसे की बड़ी खबर: Kishtwar mein phata baadal

देश अपडेट न्यूज़ : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशौती कस्बे में बादल फटने (Kishtwar mein phata baadal) की भयावह घटना सामने आई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है और 120 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें लगातार बाधा आ रही है।


बादल फटने की घटना कब और कहां हुई?

चिशौती कस्बे में सुबह 11:30 बजे फटा बादल

वीरवार, सुबह करीब 11:30 बजे चिशौती कस्बे में पहाड़ी क्षेत्र पर बादल फटा। यह इलाका पाडर उपमंडल में स्थित है और किश्तवाड़ से लगभग 83 किलोमीटर दूर है। चिशौती, मचैल माता तीर्थयात्रा मार्ग का प्रमुख पड़ाव है।


तबाही का मंजर: पानी, मलबा और लापता लोग

पेड़, घर, दुकानें और यात्री बहे तेज बहाव में

बादल फटने के बाद कई नालों में पानी का बहाव अत्यधिक तेज हो गया।
तेज बारिश के साथ आए पत्थर, पेड़ और मलबा लोगों के घरों, दुकानों और यात्रियों को बहा ले गया।
स्थानीय लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।


घायलों का इलाज और रेस्क्यू ऑपरेशन

राहत कार्य में जुटी NDRF, SDRF और सेना

  • 75+ घायलों को अठोली PHC में भर्ती कराया गया
  • 12 को किश्तवाड़ जिला अस्पताल और 4 को GMC जम्मू रेफर किया गया
  • वायुसेना और सेना की टीमें राहत कार्य में लगी हैं
  • मौसम खराब होने के कारण हेलिकॉप्टर की मदद नहीं ली जा पा रही है

पुल बहने से संपर्क टूटा

मचैल माता यात्रा भी स्थगित, गांवों से संपर्क टूटा

  • बादल फटने से PMGYSY का नया पुल भी बह गया
  • मचैल और हमूरी जैसे गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया
  • मचैल माता की यात्रा 25 जुलाई से चल रही थी, जिसे फिलहाल रोक दिया गया है

नेताओं की प्रतिक्रिया

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हादसे पर गहरा दुख जताया
  • सभी ने प्रभावितों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया

Kishtwar Mein Phata Baadal – त्रासदी की झलक


मलबे का दृश्य

चिशौती में बह चुके घरों और दुकानों का मंजर
तेज बहाव में मिट्टी, पत्थर और पेड़ समाहित


हेलिकॉप्टर रेस्क्यू (प्रतीक्षित)

भारतीय वायुसेना और NDRF की रेस्क्यू टीम सक्रिय
खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर उड़ान बाधित


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

हमने अपनी आंखों के सामने सब कुछ बहते देखा…एक चश्मदीद यात्री
कई लोग अब भी मलबे में दबे होने की आशंका


Kishtwar Mein Phata Baadal की घटना से मचैल माता यात्रा स्थगित

25 जुलाई से चल रही यात्रा रोक दी गई
यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया

FAQs: Kishtwar Mein Phata Baadal

Q1. किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना कब हुई?

उत्तर: 15 अगस्त के करीब सुबह 11:30 बजे, चिशौती कस्बे के पास यह घटना हुई।

Q2. इस आपदा में कितनी मौतें हुई हैं?

उत्तर: अब तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 120 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

Q3. क्या मचैल माता यात्रा पर असर पड़ा है?

उत्तर: हां, मचैल माता यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है।

Q4. राहत और बचाव कार्य में कौन-कौन सी एजेंसियां शामिल हैं?

उत्तर: SDRF, NDRF, सेना और वायुसेना राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं।

Q5. हेलिकॉप्टर रेस्क्यू क्यों नहीं हो पा रहा?

उत्तर: खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं, जिससे रेस्क्यू में देरी हो रही है।


📢 निष्कर्ष

Kishtwar mein phata baadal की यह घटना एक भीषण प्राकृतिक आपदा है, जिसने कई परिवारों को उजाड़ दिया। सरकार, प्रशासन और रेस्क्यू टीमें पूरी कोशिश कर रही हैं कि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।