गड्ढे में खुला भ्रष्टाचार का रेस्टोरेंट! समाजसेवी ने किया ऐसा प्रदर्शन कि हर कोई देखता रह गया

रुड़की (उत्तराखंड): बारिश के बाद उभर आई सच्चाई ने एक बार फिर विकास के दावों की पोल खोल दी है। रुड़की के के.एल. डीएवी डिग्री कॉलेज के सामने मुख्य मार्ग पर बना एक विशाल गड्ढा इन दावों की सड़कों जितनी ही गहराई दिखा रहा है। इस गड्ढे को देखकर बस यही कहा जा सकता है — विकास नीचे धंस गया है।

लेकिन इस बार समाजसेवियों ने विरोध का तरीका कुछ अलग चुना। दीपक लाखवान, जो इलाके के एक सक्रिय समाजसेवी हैं, उन्होंने इस गड्ढे को “भ्रष्टाचार का रेस्टोरेंट” बताते हुए, बाकायदा उसी गड्ढे में बैठकर अनोखा प्रदर्शन किया।

क्या बोले दीपक लाखवान?

“जिस सड़क को करोड़ों की लागत से बनाया गया, वह कुछ महीनों में ही गड्ढे में तब्दील हो गई। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि नेताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत का गंदा खेल है। कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार इस गड्ढे में साफ दिखाई देता है।

“प्रदर्शन के दौरान उन्होंने गड्ढे में कुर्सी लगाकर बैठने का प्रतीकात्मक तरीका अपनाया और कहा कि यह गड्ढा भ्रष्टाचार की थाली परोसे जाने वाली जगह बन गया है।

आरोप-प्रत्यारोप और चेतावनी

प्रदर्शन के दौरान मौजूद अन्य समाजसेवियों और स्थानीय नागरिकों ने भी जन प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा। उनका आरोप था कि:जनता के टैक्स का पैसा डकारा जा रहा है, करोड़ों का बजट पास होने के बावजूद सड़कें उखड़ी हुई हैं, और हर साल लोगों को सिर्फ गड्ढे और जाम ही नसीब होते हैं।

उन्होंने साफ चेतावनी दी कि अगर जल्द ही जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा।

क्या बोले लोग?

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रास्ते से कॉलेज स्टूडेंट्स, बुजुर्ग, और रोज़मर्रा के वाहन चालक गुजरते हैं, और गड्ढे के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।

“यह सड़क नहीं, रोज़ का डर है। और हर बार यही डर हमें याद दिलाता है कि सिस्टम सिर्फ बजट पास करता है, सड़कें नहीं।”

सवाल उठता है…

सड़क की गुणवत्ता का जिम्मेदार कौन? क्या निर्माण से पहले जांच नहीं होती? क्या बजट सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है?