कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया सेब महोत्सव 2.0 का शुभारंभ, कहा – यह किसानों की आत्मनिर्भरता का प्रतीक

🌾 नाबार्ड द्वारा देहरादून में दो दिवसीय ‘सेब महोत्सव 2.0’ का आयोजन — राज्य के सेब व कीवी उत्पादकों को मिला सीधा मंच

देहरादून, 09 अक्टूबर 2025। उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को आईटी पार्क सहस्त्रधारा स्थित नाबार्ड कार्यालय में दो दिवसीय ‘सेब महोत्सव 2.0’ (Apple Festival 2.0) का शुभारंभ किया।
यह आयोजन राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा राज्य के सेब एवं कीवी उत्पादक किसानों को ग्राहकों से सीधे जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने विभिन्न जनपदों से आए किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के स्टॉलों का अवलोकन किया और किसानों से संवाद भी किया।


🍎 सेब महोत्सव: उत्तराखंड की कृषि शक्ति और आत्मनिर्भर किसान का प्रतीक

कृषि मंत्री जोशी ने कहा कि ‘सेब महोत्सव उत्तराखंड के सेब उत्पादकों की मेहनत, नवाचार और कृषि उद्यमिता का उत्सव है। यह पर्वतीय राज्य की कृषि क्षमता और किसानों की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।’

उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को सुझाव दिया कि आगामी सेब महोत्सव में कृषि एवं उद्यान उत्पादों को भी शामिल किया जाए ताकि राज्य के विविध उत्पादों को एक ही मंच पर पहचान मिल सके।


🌱 कृषि विविधीकरण और नाबार्ड की पहल

मंत्री जोशी ने बताया कि नाबार्ड उत्तराखंड में कृषि और ग्रामीण विकास को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार कृषि विविधीकरण (Agricultural Diversification) पर विशेष बल दे रही है, जिसमें
बागवानी, औषधीय पौधे, डेयरी, मत्स्य पालन, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा राज्य में 138 एफपीओ को 20 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। इसके अलावा 34 वॉटरशेड एवं स्प्रिंगशेड परियोजनाओं से 11,164 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है, जिससे 5,045 परिवार लाभान्वित हुए हैं।


🌳 बागवानी और नवाचार से बदलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था

बागवानी आधारित विकास कार्यक्रमों के तहत राज्य में 4,163 एकड़ भूमि पर सेब, कीवी, अखरोट, आम, अमरूद और अन्य फलों के बाग लगाए गए हैं।
नाबार्ड ने 20 नवाचार पायलट परियोजनाएं भी शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं –

  • जैविक उत्पादों की ट्रेसबिलिटी
  • एक्वापोनिक्स मॉडल
  • मोरिंगा आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली
  • फार्म टूरिज्म
  • प्राकृतिक खेती
  • औषधीय एवं सुगंधित पौधों पर आधारित मॉडल
  • शून्य ऊर्जा कूल चैंबर

इन पहलों का उद्देश्य कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण आजीविका और पर्यावरणीय स्थिरता को प्रोत्साहित करना है।


📍 GI टैग उत्पादों में उत्तराखंड की पहचान

मंत्री जोशी ने बताया कि उत्तराखंड के 27 कृषि उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त हुआ है, जिनमें से 6 नाबार्ड के प्रयासों से मिले हैं।
वहीं, राज्य सरकार द्वारा दिलवाए गए 18 GI टैग में से 10 टैग नाबार्ड-सहायतित एफपीओ को प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार जिले में 500 किसानों के साथ जैविक खेतों के डिजिटलीकरण (Digital Farming Project) पर भी कार्य चल रहा है।


💬 किसानों और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास

मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार किसान केंद्रित नीतियों को और अधिक सशक्त बनाएगी तथा नाबार्ड जैसे संस्थानों के सहयोग से किसानों और ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी।

उन्होंने कहा —
“सेब महोत्सव 2.0 हमारे सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है, जिससे उत्तराखंड को एक सतत और समृद्ध कृषि राज्य के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।”


📸 कार्यक्रम में उपस्थित रहे

कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी, मुख्य महाप्रबंधक पंकज यादव, जीएम शशि कुमार, डीजीएम संजय कुमार, डीजीएमओ निर्मल कुमार सहित अनेक अधिकारी एवं किसान उपस्थित रहे।